Sunday, April 18, 2010

प्यासी निगाहों ने हर पल उनका दीदार माँगा,


जैसे अमावस ने हर रात चाँद माँगा,

रूठ गया वो खुदा भी हमसे,

जब हमने अपनी हर दुआ में उनका साथ माँगा

No comments:

Post a Comment