कई भावनाओ का रस
मेरे रक्त के हर बूंद बूंद में छटपटाता है
मेरा मन सागर की लहरों की तरह उछलता है
आकाश की ऊंचाई और सागर की
गहराई से होकर गुजरता हूँ मै
साँसे है के थम ने का नाम नहीं लेती
आसमानी खुशबु से सुगन्धित हो जाता हु मै
बारिश की बूंदों से वर्षित हो जाता हु मै
दिल दिमाग तहस नहस ओ जाता है
और कागज लेकर
मुझपे गुजरने वाली हर दास्ता को
शब्दबद्ध करने की कोशिश करता हु..
Wednesday, April 21, 2010
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