Wednesday, April 21, 2010

कई भावनाओ का रस


मेरे रक्त के हर बूंद बूंद में छटपटाता है

मेरा मन सागर की लहरों की तरह उछलता है

आकाश की ऊंचाई और सागर की

गहराई से होकर गुजरता हूँ मै

साँसे है के थम ने का नाम नहीं लेती

आसमानी खुशबु से सुगन्धित हो जाता हु मै

बारिश की बूंदों से वर्षित हो जाता हु मै

 दिल दिमाग तहस नहस ओ जाता है

और कागज लेकर

मुझपे गुजरने वाली हर दास्ता को

शब्दबद्ध करने की कोशिश करता हु..

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