Sunday, April 25, 2010

सुखी रहना है तो सबको सूख दो, सहयोग लेना है तो पहले सहयोग दो, सबके प्रति अच्छा ही सोचो, सम्मान चाहिए तो सबको सम्मान दो, अपनी जिम्मेवारी ठीक से निबाहो, सबसे निस्वार्थ प्रेम करो तो प्रेम मिलेगा, इसलिए पहले देना सिखों फिर स्वतः मिलेगा 1 सुख का भंडार आपके पास भरा है वह किसी दुकान पर नहीं मिलता 1 बांटो तो बढेगा 1

1 comment: