Wednesday, April 7, 2010

प्रेम का विषय बड़ा अद्भूत है

प्रेमकी बाते ऐसी हैं जहाँ हम - लोगोंकी पहुँच नहीं
वे बातें लिखनेवाला लिख नहीं सकता
अगर वह प्रेम प्राप्त हो जाय तब तो लिखना-पढ़ना सब बन्द हो जाता है
वह अपने आपको सम्हाल ही नहीं सकता

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