Wednesday, April 21, 2010

जब तुम आसमान के लिए


भरों उड़ान

और तेज आंधियाँ रोके तुम्हारी राह

मैं प्रार्थना के रूप में हूँ साथ
 
जब तुम आसमान के लिए


भरों उड़ान

और तेज आंधियाँ रोके तुम्हारी राह

मैं प्रार्थना के रूप में हूँ साथ
 
सितारों की चमक जब बस जाए


तुम्हारी आँखों में

तब पलके मूँदकर एक बार

मुझे करना याद।

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