Sunday, April 18, 2010

स्वीकारें

जिसे आप प्यार करते हैं, उसे संपूर्णता के साथ स्वीकारें। उसकी अच्छाइयों को अपना लेना और कमियों का चुन-चुन कर सुबह-शाम गिनाते फिरना, आपके प्यार के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है। जो है, जैसा है, उसको भर दीजिए प्यार से। संपूर्णता में प्यार करें। कमियों को कमियों की तरह लेना ही छोड़ दें। क्योंकि कोई भी परफेक्ट नहीं हो सकता। कुछ कमियां तो आपमें भी होंगी।

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