कभी कभी लगता है
दोस्त के न सिर्फ गले मिलू
बल्कि उसकी आत्मा को चूम लू..
आत्माए मिलने पर ही
तो दोस्ती बन जाती है..
रूह की रूह को खबर होती है
दोस्ती तो आसमानी होती है..
कभी बदली सी छा जाती है
तो कभी ये नूरानी होती है
Monday, April 12, 2010
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