" जो हमारे बहुत करीब है
उसे हम छू नही सकते
शायद इसे 'मजबूरी' कहते है,
जो हमे चाहता है
उसे हम पा नही सकते
शायद उसे 'नसीब' कहते है........!"
इसी 'मजबूरी' और 'नसीब' के बीच
एक रिश्ता पनपता है
शायद इसे "मोहब्बत" कहते है.......
Wednesday, March 3, 2010
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...बहुत खूब !!!
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