यह ज़िंदगी है क्या?
परिभाषाओं से परे एक नाम है?
या मंजिल के बिना एक अंतहीन सफर
या फिर यह एक समुंदर है, जिसमें कहीं मोती हैं,
तो कहीं खाली सीपों-सी बजती एक आशा है.
आखिरकार यह ज़िंदगी है क्या?
नंदनवन है? फूलों से लदा एक उपवन?
जिसमें, सिर्फ रंग ही रंग हैं
Sunday, March 21, 2010
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