Tuesday, March 23, 2010

शादी

दूध और पानी जब मिलते हैं तो एक हो जाते हैं। प्रीत की सुंदर रीति देखिए कि यदि कपट की खटाई उसमें पड़ गई तो सारा रस चला जाता है। विवाह प्रेम का ऐसा ही मिलन है जिसमें दो अस्तित्व पानी और दूध की तरह मिल जाते हैं। यदि इस मिलन की बुनियाद ही झूठ पर टिकी हो तब! तब प्रेम और विश्वास का यह मिलन दूध की ही तरह फट जाता है जिसे दोबारा पहले जैसा बनाना संभव ही नहीं है।

रिश्ते को जोड़ने से पहले सबसे पहले ध्यान रखें कि आपस में कोई भी ऐसी बात दबी-छुपी हो जो विवाह के बाद आपके साथी की मानसिक परेशानी का कारण बन जाए। आप उन्हें सबकुछ बता दें। इसके बाद आपकी जिम्मेदारी समाप्त। अब यह आपके साथी की इच्छा पर निर्भर है कि वह आपको उसी स्थिति में स्वीकार करता है या नहीं।

किसी को पाने की इच्छा में आपका और आपके परिवार द्वारा किसी बात को छिपाया जाना कपट, झूठ और विश्वासघात की श्रेणी में आएगा। यदि आप ऐसा सोचते हैं कि एक बार शादी हो जाने दो सब ठीक हो जाएगा, तो आप गलत हैं। जीवन की लंबी दूरी तक साथ चलने के लिए चुने गए हमसफर से आप कुछ भी नहीं छुपा पाएँगे। आप कैसे हैं यह आपके व्यवहार से देर-सबेर पता चल ही जाएगा।

इसलिए इस बंधन में बँधने के पूर्व अच्छे माहौल में निष्कपट विचार-विमर्श कीजिए। बता डालिए सब कुछ कि आप क्या हैं, क्या चाहते हैं, आपकी क्या पसंद-नापसंद है, और जितना कुछ है मन में। आपका साथी यदि आपके प्रति वाकई में वफादार रह सकता है तो आपके गुणों-अवगुणों सभी के साथ आप उसे पसंद होंगे।

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