Saturday, March 13, 2010

जो हमारे बहुत करीब है उसे हम छू नही सकते शायद इसे 'मजबूरी' कहते है, जो हमे चाहता है उसे हम पा नही सकते शायद उसे 'नसीब' कहते है........!" इसी 'मजबूरी' और 'नसीब' के बीच एक रिश्ता पनपता है शायद इसे "मोहब्बत" कहते है.......

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