खिले थे गुलाबी, नीले, हरे और जामुनी फूल
हर उस जगह जहाँ छुआ था तुमने मुझे,
महक उठी थी केसर जहाँ छुआ था तुमने मुझे,
बही थी मेरे भीतर नशीली बयार जब मुस्कुराए थे तुम,
और भीगी थी मेरे मन की तमन्ना जब उठकर चल दिए थे तुम,
Tuesday, March 23, 2010
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