Monday, December 7, 2009

ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए।


इक आग का दरिया है और डूब के जाना है॥

 शेर प्रेम की जटिलता को समझाने के लिए काफी है। दुनिया में सभी प्रेम करते हैं, पर बहुत ही कम लोग हुए हैं, जिन्होंने प्यार को ठीक तरह से समझा है। जिन्होंने समझा, उन्होंने अपने प्यार को नया आयाम दिया और उसे दुनिया के सामने आदर्श बनाकर प्रस्तुत किया।

आज के दौर में प्यार फैशन की तरह हो गया है और हर कहीं आपको ऐसे प्रेमी युगल मिल जाएँगे जो दुनिया वालों के तमाम उसूल और रीति-रिवाज ताक में रखकर एक-दूसरे को प्रेम करते हैं। पर क्या सभी प्रेमी अपने साथी के साथ प्रेम की तीव्रता बनाएं रखते हैं या वक्त की दीमक उनके प्रेम को खोखला कर देती है।

प्रेम इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि लैला-मजनू, हीर-रांझा, सोहनी-महिवाल, आदि सभी ने प्रेम क्षेत्र में झंडे गाड़े, पर प्रेम की निश्चित परिभाषा कोई न दे पाया। ऐसा शायद इसलिए भी हुआ कि ये लोग प्रेम की महान अनुभूति से ओत-प्रोत थे, इसलिए ये उसे निश्चित शब्दों में बाँधना नहीं चाहते थे। वे प्रेम के असीम अहसास को सिर्फ महसूस करना चाहते थे, न कि उसे किसी सीमा में बाँधना।

आप भी किसी से प्यार करते हैं तो, जरूर जानना चाहेंगे कि प्यार होता क्या है। यूँ तो प्यार को परिभाषित करना बहुत ही कठिन है, क्योंकि प्यार वो अनुभूति है, जिसे शब्दों में बयाँ करना मुश्किल है। फिर भी हमने इस विषय पर विश्व के कुछ महान विचारकों के विचार नीचे दिए हैं, जो आपको प्रेम को समझने में सहायता करेंगे।

'सच्चा प्रेम कभी प्रति-प्रेम नहीं चाहता।'

कबीरदास



'पुरुष, प्यार अक्सर और थोड़ा करता है, किंतु स्त्री, प्यार सौभाग्य से और स्थाई करती है।'

आचार्य रजनीश 'ओशो'



'जिस प्यार में प्यार करने की कोई हद नहीं होती और किसी तरह का पछतावा भी नहीं होता, वही उसका सच्चा रूप है।'

मीर तकी मीर



'प्यार एक भूत की तरह है, जिसके बारे में बातें तो सभी करते हैं, पर इसके दर्शन बहुत कम लोगों को हुए हैं।'

सिकंदर



'प्रेम कभी दावा नहीं करता, वह हमेशा देता है। प्रेम हमेशा कष्ट सहता है, न कभी झुंझलाता है और न ही कभी बदला लेता है।'

महात्मा गाँधी



'खूब किया मैंने दुनिया से प्रेम और मुझसे दुनिया ने, तभी तो मेरी मुस्कुराहट उसके होठों पर थी और उसके सभी आँसू मेरी आँखों में।'

खलील जिब्रान



'प्रेम आँखों से नहीं ह्रदय से देखता है, इसीलिए प्रेम को अंधा कहा गया है।'

शेक्सपीयर



'प्रेम के स्पर्श से हर कोई कवि बन जाता है।'

अफलातून



'जहाँ प्रेम है, वहीं जीवन का सही रूप है।'

अरस्तु



'प्यार आत्मा की खुराक है।'

कंफ्यूशियस



'प्यार समर्पण और जिम्मेदारी का दूसरा नाम है।'

बेकन



'जीवन में प्रेम का वही महत्व है जो फूल में खुशबू का होता है।'

जॉर्ज बनार्ड शॉ

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