ये रात है और अकेलापन
तारे टिमटिमाते हैं और मेरे अकेलेपन को
और अकेला करते हैं
प्यार के पल कितने कम हैं, कितने छोटे
और अकेलेपन की रातें कितनी लंबी और सूनी
मैं जानता हूँ आसमान की गोद में
ये तारे टिमटिमाते हुए कितने सुंदर लगते हैं
लेकिन तुम्हारे बगैर यह रात एक अजगर है
जिसने मुझे जकड रखा है
धीरे-धीरे मेरी आँखें मूँद जाएँगी और तुम जान भी नहीं पाओगी
मेरी जिंदगी कितनी छोटी है
और तुम कितनी दूर...!
प्यार के पल कितने कम हैं, कितने छोटे
Sunday, December 27, 2009
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