Saturday, May 15, 2010

फुर्सत किसे है रूठने मनाने की....... निगाहें बदल जाती है मुसीबत में .....हर अपने - बेगाने की......


तुम कभी ना छोड़ना साथ मेरा .......वर्ना फिर तमन्ना ना रहेगी कोई रिश्ता बनाने की....

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