Monday, May 10, 2010

रिश्ते

दुनिया में रिश्ते केवल रक्त सिंचित हों, यह कतई जरूरी नहीं। मन से बने रिश्ते इससे भी कहीं गहरे हो सकते हैं और ऐसा एक रिश्ता आपके लिए जिंदगीभर सबसे बड़ी ताकत बनकर रहता है। चाहे वे सगे-संबंधी हों, मित्र हों, सहयोगी हों, पड़ोसी हों या फिर मात्र परिचित हों। केवल खुशियों को बाँटते समय ही नहीं, कठिनाइयों में साथ निभाते समय भी ये रिश्ते आपका संबल बनकर उभरते हैं। यदि मुसीबत में कोई आपके काम आता है तो वह आपका सच्चा हितचिंतक है। आपकी जिंदगी में कोई व्यक्ति ऐसा जरूर हो जो विपरीत समय पर आपको सही मार्गदर्शन दे सके और उलझन सुलझाने में आपकी मदद कर सके।

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