Monday, July 5, 2010

अकेलापन...

अकेलापन...


अकेले होने का दर्द

बहोत ही होता है

कोई रौशनी ..कोई आशा नजर नहीं आती ..

गुरुभक्ति और गुरुसेवा  की साधनारूपी नौका
का  अनोखा बहाव

दे जाता है मुझे एक नयी पहचान


मुझसे मुस्कुराकर कहता है के

तुम अकेले नहीं हो ...

निर्भयता ही जीवन है, भय ही मृत्यु है

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