अब मर्जी उनकी है , सिर्फ़ दिल ही हमारा है ,
अपना दर्द छुपा कर बहुत सह लिया हमने ,
वो दर्द सहे , न सहे , कह भी नही सकते ,
मेरी खुश्क आंखों में है आंसुओ का सैलाब ,
अब ये बहे , न बहे , कह भी नही सकते
Monday, July 5, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment