Monday, November 30, 2009

अग्नि पथ!

- हरिवंशराय बच्‍चन




अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!



वृक्ष हों भले खड़े,



हो घने, हो बड़े,



एक पत्र-छॉंह भी मॉंग मत, मॉंग मत, मॉंग मत!



अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!



तू न थकेगा कभी!



तू न थमेगा कभी!



तू न मुड़ेगा कभी!-कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ!



यह महान दृश्‍य है-



चल रहा मनुष्‍य है



अश्रु-श्‍वेद-रक्‍त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!



अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!

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